Saturday, May 10, 2014

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Happy Mothers Day / मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें




मम्मा कितनी प्यारी होती,
जग में  सबसे  न्यारी होती.

सबसे  पहले  वह  उठ जाती,
मुझे जगा कर ब्रुश करवाती.
ब्रेकफास्ट मुझ को करवाकर,
फिर  स्कूल   छोड़ने   जाती.

आने पर स्कूल से माँ को
सारी  बातें  मैं  बतलाता.
मम्मी से स्टोरी सुनकर,
दुपहर को सोने मैं जाता.

माँ के साथ शाम को जाता,
और पार्क में  बॉल  खेलता.
रोज नये वो  खेल सिखाती,
जिनको सब के साथ खेलता.

मेरी मम्मा बहुत है अच्छी,
नयी  कहानी रोज  सुनाती.
उनकी बांहों पर सिर रखकर, 
मुझको है निन्ना आ जाती.

क्या  हम  छोटे  बच्चे करते,
गर मम्मा का साथ न होता.
जीवन  कितना  सूना  होता,
गर मम्मा का प्यार न होता********

माँ 
माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।

दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।

मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।

कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।

 

Kavita By -
-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार
10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत

***********************************

हे  माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !

तुम हमारे साथ   होती हो
जब हम उदास होते हैं ;
तुम अपनी मीठी  मुस्कान  से
हमें  प्रसन्न  कर देती हो ;
तुम कितनी प्यारी हो !
हमारे दिल की धड़कन हो !

हे माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !
तुम हमेशा कहती हो आशा
का दामन  मत छोडो ;
जब हम भ्रमित होते हैं
तुम सही मार्ग दिखाती हो ;
तुम दीर्घजीवी हो !स्वस्थ हो !
शक्तिसंपन्न हो !

हे माँ ! हे माँ ! तेरे जैसा कोई नहीं !

                        शिखा कौशिक



 
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Happy Mothers Day / मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनायें




मम्मा कितनी प्यारी होती,
जग में  सबसे  न्यारी होती.

सबसे  पहले  वह  उठ जाती,
मुझे जगा कर ब्रुश करवाती.
ब्रेकफास्ट मुझ को करवाकर,
फिर  स्कूल   छोड़ने   जाती.

आने पर स्कूल से माँ को
सारी  बातें  मैं  बतलाता.
मम्मी से स्टोरी सुनकर,
दुपहर को सोने मैं जाता.

माँ के साथ शाम को जाता,
और पार्क में  बॉल  खेलता.
रोज नये वो  खेल सिखाती,
जिनको सब के साथ खेलता.

मेरी मम्मा बहुत है अच्छी,
नयी  कहानी रोज  सुनाती.
उनकी बांहों पर सिर रखकर, 
मुझको है निन्ना आ जाती.

क्या  हम  छोटे  बच्चे करते,
गर मम्मा का साथ न होता.
जीवन  कितना  सूना  होता,
गर मम्मा का प्यार न होता********

माँ 
माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।

दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।

मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।

कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।

 

Kavita By -
-दीनदयाल शर्मा,
बाल साहित्यकार
10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत

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हे  माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !

तुम हमारे साथ   होती हो
जब हम उदास होते हैं ;
तुम अपनी मीठी  मुस्कान  से
हमें  प्रसन्न  कर देती हो ;
तुम कितनी प्यारी हो !
हमारे दिल की धड़कन हो !

हे माँ ! हे माँ !
तेरे जैसा कोई नहीं !
तुम हमेशा कहती हो आशा
का दामन  मत छोडो ;
जब हम भ्रमित होते हैं
तुम सही मार्ग दिखाती हो ;
तुम दीर्घजीवी हो !स्वस्थ हो !
शक्तिसंपन्न हो !

हे माँ ! हे माँ ! तेरे जैसा कोई नहीं !

                        शिखा कौशिक